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लेखनी कहानी -29-Apr-2024

शीर्षक - आदमी और समाज *************** जिंदगी और जीवन इश्क और मोहब्बत चाहत और नफरत के साथ हम सभी जीते हैं और संसार में अपने किरदार को समझने और चलते हैं एक सच यही है कि हम सभी धन संपत्ति शोहरत के साथ ही जीवन जीना चाहते हैं और इसको पाने के लिए भी हम न जाने कुदरत के साथ कितने परेड और झूठ जीवन में कहते और सुनते हैं। एक सच तो हम और कुदरत के आदमी और समाज हैं। आओ आदमी और समाज को समझते हैं हम सभी आदमी और सब एक साथ जा रहते हैं । वह समाज होता है। हम सभी जीवन में आदमी और समाज के साथ जीवन जीते आदमी एक अकेला नहीं है आदमी के साथ ही समाज बना है क्योंकि हम सभी सामान्य भाषा के साथ एक आदमी बोल देते है। और समाज हम सभी आदमियों के रहने से बनता है उसे समझ में नारी पुरुष और हम सभी अपना किरदार निभाते हैं और वह किरदार समाज के साथ-साथ सांसारिक और सोशल भी होता है। या बस यूं कहिए आदमी और समाज के साथ ही हम सब सांसारिक मोह माया भी रखते हैं। और हम सभी समाज के साथ-साथ आदमी और समाज का आकलन करते हैं और एक सीधी सादी बोली के साथ हम सभी आदमी और समाज का अनुसरण करते हैं जिससे हमारे जीवन में और जिंदगी में सुख-दुख धन दौलत और हमारे काम सभी समाज के अंतर्गत आते है। और सभी समाज के साथ जीवन जीते हैं। और समाज में प्रेम इश्क और मोहब्बत के साथ हम जिंदगी की राहों पर चलते हैं एक उम्र और हम सभी आदमी और समाज के साथ कुदरत के रंग एक सच मेरा भाग्य होता है या बस यूं कहिए मेरा भाग्य और कुदरत के रंग की सच कहते है। आदमी और समाज के लिए हम सभी कहानी के पढ़ने वाले पात्र होते हैं। हम सभी पाठकों के साथ ही तो हम भी समाज के साथ जीवन जीते हैं। आदमी और समाज बस यही कह सकते हैं हम सभी जीवन की भौतिक जरूरत के साथ सांसारिक को विलासिता के साथ हम सभी जीवन जीते हैं जन्म लेते हैं और जवानी के साथ-सा भोग विलासता के साथ-साथ हम परिवार और आदमी और समाज का अनुभव करते हैं। और हम सभी पाठक अपने परिवार में दिनचर्या को सोचते हैं और आज की आधुनिक युग में शारीरिक संबंध और रिश्ते नाते भी एक सोच और समझ के साथ-साथ हम मतलब को पहले समझते हैं बस यही आदमी और समाज के साथ हमारा अपना जीवन समय के साथ-साथ चलता है और हम जन्म से मृत्यु तक शायद आदमी और समाज को समझ नहीं पाते हैं बस यही एक सोच और समझ समझ और आदमी के साथ रहती है जिस आदमी उम्मीद और आशाओं के साथ रोज सुबह जागने पर अपने जीवन में मुख्यतः भूख मिटाने के लिए मेहनत मजदूरी या तरह-तरह की काम समाज में करता है। और और हम आदमी और समाज ही एक दूसरे का सहयोग और सहयोग भी करते हैं शायद इसी का नाम समाज है और जो समाज में रहते हैं उसी का नाम आदमी इसी तरह हमारा जीवन आदमी और समाज के साथ जुड़ता चला गया और हम सभी आदमी और समाज के साथ-साथ आकर्षक मोह माया धन संपत्ति के लालच में जिंदगी में एक दूसरे से अलग और अलग सोच रखते हुए आदमी और समाज बनाया यही शायद मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच भी कहता है क्योंकि जीवन हम सभी का एक सम्मान होता है बस हम अपने धन संपत्ति के साथ-साथ अपनी सोच बदल लेते हैं आदमी और समाज पर लिखने को तो बहुत कुछ है परंतु हम कहानी को एक आज कि सच के साथ आदमी और समाज का एक छोटा सा हिस्सा आपको कहानी के रूप में पेश किया अब समझ आपकी आपके आदमी और समाज का सच पसंद आया हो यही हमारी कहानी आदमी और समाज के साथ मेरा भाग्य कुदरत के रंग एक सच कहता है।


नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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2 Comments

Mohammed urooj khan

03-May-2024 01:14 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Babita patel

01-May-2024 07:28 AM

Amazing

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